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कश्मीर की जन्नत कही जाने वाली पहलगाम की वादियां उस वक्त दहशत में बदल गईं, जब अचानक गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। आतंकियों की फायरिंग ने ना सिर्फ वहां मौजूद सैलानियों की रूह कंपा दी, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे उनके परिवारों को भी झकझोर दिया।
जो परिजन कुछ समय पहले तक अपने अपनों की इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप स्टोरी पर कश्मीर की हसीन वादियों की तस्वीरें देखकर मुस्कुरा रहे थे, वो एक पल में डर, चिंता और बेबसी में डूब गए। किसी का मोबाइल घंटों तक नॉट रिचेबल रहा तो किसी ने न्यूज़ चैनलों से नज़रें नहीं हटाईं।
गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा तक हर घर में एक ही सवाल गूंज रहा था – "हमारे अपने सुरक्षित हैं या नहीं?"
शांति की तलाश में पहलगाम पहुंचे सैलानियों के लिए ये दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं था। गोलीबारी की खबर ने पूरे देश में बेचैनी और डर का माहौल खड़ा कर दिया। अब सवाल ये है कि कब तक सैलानी गोलियों के साए में कश्मीर की खूबसूरती को देखने की हिम्मत जुटाते रहेंगे?
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